how to sell class in Glaze
हमने " हाउ टू सेल " का निर्माण क्यों किया ?
हमारे कारोबार ( बिजनस ) में हमें अलग - अलग बैकग्राउंड के लोग मिलते हैं । जैसे कि हो सकता है कुछ उनमें से किसान , वकील , डॉक्टर , इंजीनियर और कुछ प्राईवेट नौकरी करने याले तथा बिजनस मैन हो सकते हैं ।
हम सभी के बीच आपसी समझ हो जब हम बिजनस और प्रॉडक्ट के बारे में बात करते हैं । इसको समझने के लिए हमने इस मॉड्यूल को बनाया है
लकड़हारे की कहानी
एक समय की बात है । एक दिन , एक लकड़ी के व्यापारी के पास एक मजबूत कदकाठी का लकड़हारा पहुँचा और काम देने की प्रार्थना की । व्यापारी को ज़रूरत थी सो उसे नौकरी मिल गई । नौकरी में तनख्वाह बहुत अच्छी थी इस लिए वो पूरी मेहनत के साथ काम करने में जुट गया । उसके मालिक ने उसको एक कुलहाड़ी दी वो जगह दिखाई जहाँ उसको काम करना था ।
पहले ही दिन लकड़हारे ने 18 पेड़ काट डाले ।
मालिक ने जब यह देखा तो उसको बधाई देते हुए कहा कि इसी प्रकार मन लगा कर काम करो ।
अपने मालिक से शाबाशी पाकर लकड़हारा और भी मेहनत से काम करने में जुट गया । मगर अगले दिन उसने पूरी मेहनत के बावजूद केवल 15 पेड़ ही काटे । तीसरे दिन पहले के दिनों से अधिक मेहनत के बावजूद वो 10 पेड़ ही काट पाया ।
इसी तरह दिन - प्रतिदिन वो अधिक मेहनत करने के बावजूद कम पेड़ काटने लगा । यह देख कर लकड़हारे ने खुद से कहा कि , ' मैं पक्का अपनी शक्ति खो रहा हूँ ।
यह सोंचकर वह अपने मालिक के पास गया और बोला कि वह समझ नहीं पा रहा है कि उसके साथ क्या हो रहा है ?
तुमने अपनी कुलहाड़ी में आखरी बार धार कब लगाई थी ? " उसके मालिक ने पूछा ।
धार लगाना ... !!! मेरे पास धार लगाने का समय ही कहाँ था । मैं तो पेड़ काटने में व्यस्थत था
मालिक उसकी बात सुनकर मुस्कुराया और बोला , " तो पहले तुम इस पर धार लगाओ । " अपने मालिक की बात सुनकर लकड़हारे अपनी कुलहाड़ी पर धार लगाई और जैसे कि चमत्कार हो गया । उसने फिर से अपनी खोई योग्यता पा ली उसने 18 पेड़ काटे और अभी भी दिन ढलने में काफी समय बाकी था ।
विचार
तो आपने इस कहानी से क्या सीखा ... ???
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने स्किल को समय दर समय धार लगाते रहना चाहिए । हमें अपनी योग्यता को निखारते रहना चाहिए ।
दर्शकों से पूछे .....
बिक्री क्या है ( सेलिंग ) ?
क्या इसके लिए निपुणता ( स्किल ) की जरूरत है ?
आप इस मॉड्यूल में निम्नलिखित चीजें सीखेंगे :
बिक्री के बारे में आमतौर पर लोगों की गलतफहमीयां ।
हमारे व्यापार में उत्पाद ( प्रोडक्ट ) बेचने के लाभ ?
बिक्री की प्रक्रिया ( प्रोसेस ) किस प्रकार काम करती है या हमें बिक्री करते समय क्या - क्या करना चाहिए ?
बिक्री करते समय हमें किन - किन बातों को जरूर ध्यान में रखना चाहिए ? हम अपनी बिक्री को किस प्रकार बढ़ा सकते हैं ?
बिक्री को समझना
अच्छी बिक्री का अर्थ यह नहीं होता है• मोलभाव
• चालाकी से
• मजबूर कर देना
• कोई रास्ता न छोड़ना
• नीचा दिखाना
आईये समझते हैं कि बिक्री ( सेल्स ) के गलत तरीके क्या होते हैं ।
मोलभाव : आप में से कितने लोगों ने खरीददारी करते वक्त मोलभाव ( बारगेनिंग ) किया है ?
जब हम किसी भी दुकान पर जाते हैं तो आम तौर पर मोलभाव करते हैं । जैसे कि थोड़ा ठीक - ठीक सा लगा लो । कुछ कम कर लो थोड़ा देख लो कुछ और डिस्काउंट कर दो और जब दुनकानदार हमारी बात मानकर हमें छूट या डिस्काउंट दे देता है तो हम जब उस चीज खरीदर कर ले आ आते हैं । तो उसके बाद हमारे दिमाग में क्या आता है . ? थोडा और डिस्काउंट करवा लेते तो अच्छा होता ।
दूसरी तरफ एक वो दुकानदार वो भी होता है जो कहता है कि एक ही दाम है , लेकिन क्वालिटी और सर्विस की गैरेंटी देता है । सर्विस अच्छी होगी .. लेकिन रेट कम नहीं होगा ...।
तो हम उस दुकान से सामान लेते हैं और उसके लिए अपने दिल में रिस्पेक्ट भी रखते हैं कि " कि बेशक इसने पैसा कम नहीं किया लेकिन सामान अच्छा दिया " तथा दुबारा भी उसके पास जाते हैं ... और अपने जानने वालों को भी वहाँ जाने की सलाह देते हैं ।
तो आप किस तरह के बिजनसमैन बनना चाहेगें ?
जिसके लिए लोगों के दिल में रिस्पेक्ट हो या फिर लोग ये सोचें कि या इसने अभी भी बचा लिया होगा , कुछ और डिस्काउंट ले लेता तो अच्छा होता ।
चालाकी से ( ट्रिकिंग ) : इसका मतलब है चलाकी से सेल करना ।
आपने देखा होगा कि कुछ लोग नये गेस्ट को गलत इम्फोरमेशन देकर बिजनस शुरू करवा देते हैं जैसे कि मैं आपकी नौकरी लगवा दूंगा इतना पैसा इनवेस्ट करते हैं तो .
कुछ लोग ऐसा भी करते हैं कि आप ज्वाइन कर लीजिए , पैसे लगा दीजिए और आपको अगले महीने से पैसा आने लगेगा ।
या किसी प्रोडक्ट के बारे में गलत दावा ( क्लेम ) करके उस प्रोडक्ट को सामने वाले को बेच देना ।
लेकिन हो सकता है ये सब करने से वो ज्वाइन तो हो जाए , लेकिन क्या लम्बे समय तक ( लाँग ट्रम ) वो बिजनस करेगा ?
जवाब है , नहीं । क्योंकि जब उस व्यक्ति को सच का पता चलेगा तो वो आपको और कम्पनी को लेकर गलत बातें फैलाऐगा ( नेगेटिव हो जाऐगा ) । तो इस तरह से हमें किसी को भी अपने बिजनस या प्रोडक्ट के लिए नहीं बोलना चाहिए ।
यह भी पढ़ें ..
power of Team work class glaze pdf in hindi
glaze So class in hindi 2021
Glaze apk in hindi 2021
फोरसिंग ( मजबूरी में ) : मान लीजिए आप कहीं पर काम करते हैं और आपके मालिक ने कहा कि छुट्टी तभी मिलेगी जब आप बिजनस शुरू करेंगे ...। हो सकता है कि आप मजबूरी में बिजनस ज्वाइन कर भी लें तो क्या आप वाकई में दिल से वो बिजनस करेंगे ?
नहीं ... 1. बल्कि और नेगेटिव हो जाऐगा ...। तथा और लोगों को बताएंगें यह सब लोगों को फसाने का तरीका है ।
लिविंग नो वे आउट ( कोई रास्ता न छोड़ना ) : उदाहरण के लिए ... किसी ठेकेदार ( कानटेक्टर ) को 50 लाख का टेंडर चाहिए । उसने टेंडर भरा 50 लाख रूपये के लिए लेकिन जिसे टेंडर अपरूप करना है उस व्यक्ति ने कहा कि पहले आप मेरा बिजनस शुरू करें और मेरे 10,000 रूपये के मेरे प्रोडक्ट खरीदें तभी मैं आपका टेंडर अपरूव करूँगा ।
शायद वो कोनट्रेक्टर काम के दवाब में बिजनस भी ज्वाइन कर लेगा और प्रोडक्ट भी खरीद लेगा । तो आपको क्या लगता है ? वो कभी दिल से उन प्रोडक्ट को यूज करेगा .. ?? नहीं , हो सकता है कि वो इन प्रोडक्ट को ओने - पोने दाम ( प्राईज ) पर किसी दुकान वाले को दे और आपके बिजनस को नुकसान पहुँचाऐ ।
नीचा दिखाना ( पिनिंग डाउन ) : उदाहरण के लिए .... अगर जिजा जी साले साहब से बोले तो साले साहब को बिजनस ज्वाइन करना ही पड़ेगा । लेकिन सही तरीका क्या हो सकता है , कि पहले प्लान दिखाया जाए उसे बताया जाए कि उसे इससे क्या फायदा होगा और वो इस बिजनस में किस तरह से आगे बढ़ सकता है ।
बिक्री को समझना
अच्छी बिक्री का अर्थ यह नहीं होता है
• बहस करना
• कॉर्नरिंग नेटिंग
• बढ़ा - चढ़ा कर बताना
बहस करना : हम सब को सामान बेचते वक्त ( सेल सिचवेशन में ) बहस से बचना चाहिए । क्योंकि अगर हम बहस करेगें तो हमारी बातचीत गलत दिशा में चली जाऐगी । हमें हर वक्त सामने वाले को ठीक से सुन कर और समझ कर उसे जवाब देना चाहिए । ताकि बहस का कोई मौका न हो ताकि हम अच्छी तरह से अपने कस्टमर के सामने अपना प्रस्ताव को रख सकें ।
घेराव : 4-5 डिर्टीब्यूटर घेर के बैठ गए और ज्वाइन करवा के ही छोड़ा । कुछ भी करके बस ज्वाइन कर दो ( बाय हुक या बाय क्रुक ) गलत तरीका है । उसे सोचने का मौका दें । ताकि वह सही निर्णय ले सके ।
जाल : जाल बना के , जैसे कि , स्किन प्रोडक्ट बेचने के लिए किसी व्यक्ति को डॉक्टर बता के मिलवा दिया और उसके कहने पर कस्टमर ने प्रोडक्ट खरीद
लिया । लेकिन जिस दिन उसे ये पता चलेगा कि आपने उसे गलत व्यक्ति से मिलवाया था , तो वो आप पर तथा आपकी कम्पनी पर विश्वास करना छोड़ देंगा
बढ़ा - चढ़ा कर बतानाः आपने अपने किसी प्रोडक्ट के बारे में बहुत बढ़ा - चढ़ा कर दावा किया कि वो चमत्कारी गुण रखते हैं और यदि कस्टमर को वो चमत्कारी गुण नहीं मिले तो क्या होगा .. ?
कस्टमर नेगेटिव हो जाऐगा । तो हमें सही जानकारी अपने कस्टमर को देनी चाहिए । जो कम्पनी के द्वारा शेयर की गई हो अपनी तरफ से बहुत ज्यादा बढ़ा - चढ़ा के नहीं बोलना चाहिए ।
बिक्री को समझना
बिक्री के भ्रम
जिनको भी आप कॉल करते हैं / मिलते हैं
वो आपके कस्टमर बनने ही चाहिए
चलिये बिक्री ( सेल्स ) से जुड़े कुछ आम प्रचलित गलतफहमियों के बारे में समझते हैं :
आम तौर पर लोग सोचते हैं कि जिनसे भी वो मिलते हैं , वो उनके कस्टमर बनने ही चाहिए ।
लेकिन अगर हम देखें तो औसत का एक नियम है जो कहता है कि अगर हम 10 लोगों से मिलते हैं तो 10 के 10 आपकी बात से सहमत हों ऐसा सम्भत नहीं है । यदि आप 10 लोगों से मिलते हैं तो लॉ ऑफ ऐवरेज की बात करे तो वो कहता है कि 1:10 का रेशियो आम तौर पर काम करता है । लेकिन अपने प्रोडक्टस और बिजनस मॉडल की बात करे तो यह खास ( यूनीक ) है । क्यों कि
हमारे प्रोडक्टस बहुत अच्छे हैं तो यह रेशियो यहाँ पर कुछ ऐसा हो सकता है कि आप 10 लोगों से बात करें या मिले तो इन में से 5 आप की बात मान सकते हैं । जिनमें से कुछ प्रोडक्ट लेंगे यानी केवल आपके ग्राहक बन के रहेगें और कुछ आपको ज्वाइन कर के अवसर का लाभ उठा कर फायदा कमाऐंगे ।
उदाहरणः हम सभी सॉपिंग करते हैं ... क्या हम जिस भी दुकान पे जाते हैं वहाँ से कभी खाली हाथ नहीं आते .. ??
हम सभी विंडो सॉपिंग करते हैं , और जब हमें लगता है कि प्रोडक्ट में वैल्यू है , हम तभी खरीदते हैं ।
क्या आप किसी भी दुकान से खाली हाथ आते हैं तो दुकानदार ( शॉपकीपर ) उसके बाद अपना काम बंद कर देता है !!!
आज तो मैने नहीं सुन लिया है और अब यह काम छोड़ देता हूँ ।
बिक्री को समझना
बिक्री के भ्रम विक्रेता छोटा है / ओहदे में छोटा ग्राहक बड़ा है / ओहदे में बड़ा बिक्री की सिचवेशन में
कई बार लोगों को लगता है ... सेल करनी है .. अरे ... ये तो छोटा काम है .. मैं करूँगा !!!!
लोग क्या कहेंगे ... मैं साबुन तेल बेचुंगा ?
अगर मैं , आप से कहूँ , क्या आप मोची बनना चाहते हो ?
या क्या आपमें से कोई हलवाई बनना चाहता है ? तो आपका जवाब क्या होगा ?
जवाब होगा नहीं । लेकिन , अगर मैं कहूँ , क्या हल्दीराम या बिकानेर जैसा बनना चाहते हैं या फिर बाटा , नाईक , रिबोंक , ऐडिडास जैसे बनना चाहते हैं तो जवाब क्या होगा .. ?
जाहिर है ज्यादातर लोगों का जवाब ' हाँ ' होगा । .
लेकिन ये क्या बनाते हैं . ?
ये इनका जुन था जो ये सभी लोग आज इस काम तक पहुंचे हैं , कि हम सभी लोग इन्हें जानते हैं ।
लेकिन जब इन लोगों ने शुरू किया होगा तो इनका इतना नाम नहीं होगा । यदि ये उस वक्त सोच लेते ये तो छोटा काम है । मैं करूँगा तो क्या ये इस मुकाम तक पहुँच पाते ?
आपने देखा होगा ... जैसे - जैसे आप कामयाबी की राह पर आगे बढ़ते हैं लोग आप की इज्जत करना शुरू कर देते हैं ।
जैसे पहले लोग बालते हैं , 'गोपाल दास ' ।
आप कामयाब होते हैं तो गोपाल दास जी हो जाता है ।
और कामयाब होते हैं तो श्री गोपाल दास जी हो जाता है ।
और अधिक कामयाब हो जाते हैं तो फिर लाला श्री गोपाल दास जी हो जाते हैं । आपके नाम के आगे पीछे दोनो तरफ सम्मान जुड जाता है
इसलिए यह कभी नहीं सोचना चाहिए सेलर छोटा होता है या फिर बायर बड़ा होता है यह उनका काम होता है जो उन्हें पहचान दिलाता है ।
बिक्री को समझना
बिक्री के भ्रम
बिक्री करने के लिए सफिस्टकेटिड , अनुभव , स्टाईल और प्रशिक्षण की बहुत जरूरत होती है ।
** Tum your weakness into strength . " "
हर कोई एक अच्छा विक्रेता नहीं बन सकता है ।
कुछ लोगों का मानना है कि हर कोई सेल नहीं कर सकता है ।
आप अच्छे विक्रेता ( सेल्स परसन ) तभी बन सकते हैं जब आपने बहुत सा प्रशिक्षण ( ट्रेनिंग ) लिया हो । आप के पास बेचने का अनुभव ( सेल्स बेकग्राउंड ) हो । आप स्टाईल से बोलते हो ?
एक समय की बात है एक कंपनी ने अपने एक नए उत्पाद को लांच करने का प्लान बनाया । उसका यह उत्पाद था पवित्र बाइबल की होम एडीसन बुक । अमेरिका में बाइबल वो किताब है जो लगभग हर घर में मिलती है ऐसे में कंपनी की यह नई किताब कुछ सेल्स मैन के लिए परेशानी का सबब बन गई ।
वो लोग लाख कोशिश करने के बाद भी अपने टारगेट को अचीव नहीं कर पा रहे थे और सोचने लगे थे कि कंपनी को जब कोई भी सेल्स मैन ऐसा नहीं मिलेगा जिसने अपना टारगेट अचीव किया हो तो वो बाइबल की जगह कोई और बुक लांच करेगी । लेकिन उनको पता नहीं था कि उनका यह सोचना कितना गलत साबित होने वाला था ।
महीने की आखिरी तारीख को कंपनी के डायरेक्टर ने सभी सेल्स मैन की एक मीटिंग बुलाई और उलटे क्रम से पहले स्थान की ओर बढ़ते हुए टॉप सेलर तक के लोगों का नाम मंच से पुकारे ।
कंपनी के कई लोग यह सुन कर हैरान थे कि कुछ लोगों ने अपना टारगेट अचीव कर लिये थे । मगर सबकी असली हैरानी की वजह तो यह थी कि एक आदमी ने अपने टारगेट से दुगुनी से भी अधिक सेल कर दिखाई थी । उससे भी हैरानी यह थी कि व्यक्ति एक हकला था ।
यह वो व्यक्ति था जो अपना नाम भी ठीक से नहीं बोल सकता था मगर फिर भी उसने औरों के मुकाबले सबसे अधिक किताबें बेची थी ।
तालियों के बीच में कंपनी के डायरेक्टर उस व्यक्ति को मंच पर अपनी सफलता का राज दूसरों के साथ शेयर करने को कहा । वो व्यक्ति बड़ी ही विनम्रता के साथ मंच पर आया और अपनी उसी हकलाती आवाज में बोला ,
इसमें कोई असाधारण वात नहीं है । न ही कोई राज़ है मैं तो बस लोगों के घरों तक जाता , उनकी डोर बैल बजाता और बाहर निकलने वाले व्यक्ति से बस इतना कहता कि श्रीमान , आपको अगर यह किताब नहीं खरीदनी है
तो बेशक न खरीदें , मैं तो बस आपको यह पूरी किताब पढ़ कर सुनाना चाहता हूँ । सौ में से 90 प्रतिशत लोग मेरे पढ़ने की गति को देखते हुए अगले 5 मिनटों में ही किताब खरीद लेते और बाकी के मेरी अगली मीटिंग पर मुझे देखते ही किताब लेने का डिसिजन ले लेते ।
असल में देखा जाए तो मैंने कुछ भी अनोखा नहीं किया है । मैंने तो बस अपनी कमजोरी को समझ कर उसको अपनी ताकत बना लिया है ।
यह सही है कि हम अक्सर परिस्थितियां नहीं चुन सकते हैं मगर उन परिस्थितियों से निपटने का तरीका हमेशा हमारा अपना होता है ।
सो ऐसा नहीं है कि आप तभी अच्छे सेल्स परसन बन सकते हो जब बहुत ज्यादा आपके पास एक्सप्रियंस , ट्रेनिंग , स्टाईल और स्फेस्टिकेशन हो ।
" Turn your weakness into your strengths "
यदि आप प्रोडक्ट को यूज कर चुके हैं , तो आप अपना अनुभव बता के भी प्रोडक्ट के बारे में बात कर सकते हैं ।
ट्रेनिंग , स्टाईल , एक्सप्रियंस आप अर्न कर सकते हैं समय के साथ ।
हमारे बीच में ही कुछ लाईव एक्सप्रियंस हैं । जो आज अपने बिजनस में बहुत अच्छा कर रहे हैं जैसे जनार्दन जी .... सुभद्रा देवी ....
हर कोई अच्छा सेल्स परसन नहीं बन सकता है !!!
अच्छा सेल्स परसन बनने के लिए दृढ संकल्प ( स्ट्रांग रिज़न ) होना चाहिए । यानि कि आपको पता होना चाहिए कि आपके सपने ( लक्ष्य ) क्या हैं ?
आप जिदंगी में क्या हासिल करना चाहते हैं ?
उदाहरण : जब से हम दुनिया में आऐ हैं जाने - अनजाने में हमने कुछ न कुछ बेचा ही है । कई बार हमें इस बात का एहसास होता है कई बार नहीं भी होता ।
शिव खेड़ा के अनुसार , ' कौन नहीं बेचता है ? एक केंडिनेट इंट्रव्यू में , एक लड़का या लड़की शादी का प्रस्ताव , एक नेता वोटों के लिए वादे बेचता है . एक वकील कोर्ट में अपने क्लांट की तरफ से बहस करता है , यह सब सेलिंग ही है ।
तो हर व्यक्ति एक सेल्स परसन है ।
हम सभी ने कभी न कभी , कुछ न कुछ बेचा ही है ।
जैसे अगर मैं आपसे पूछू , ' आपके शहर में किसी दुकान पर अच्छी मिठाई मिलती क्या ? ' मान लिया आपने जवाब दिया शर्मा जी की दुकान पर बहुत अच्छी और स्वादिष्ठ मिठाई मिलती है मैं जाता हूँ
और शर्मा जी की दुकान से मिठाई खरीद लेता हूँ । मुझे मिठाई मिल गई और शर्मा जी को मिठाई के पैसे मिल गए । प्रश्न है आपको क्या मिला ? क्या आपने कभी सोचा है इस बारे में ?
शर्मा जी ने आपको अपनी दुकान की तारीफ करने या उसका पता बताने के लिए पैसे तो नहीं दिए । लेकिन फिर भी , क्योंकि मैने आप से पूछा तो आपने शर्मा जी की दुकान का नाम बता दिया । जाने अनजाने आपने उनका प्रचार ( प्रमोट ) किया और सेल तो हो गई न ?
प्रश्न यह है कि आपने यहाँ क्या किया ?
आपने उनकी तारीफ की और मैने उन से सामान खरीद लिया , और सेल हो गई । अगर मैं आपसे पूछू . क्या आप मिठाई बेचते हो ? क्या आप किसी को प्रमोट करते हो ?
तो शायद आपको भी नहीं पता होगा कि आप यह काम कर रहे हैं और आपको पता भी नहीं चलता और आप सेल्स कर जाते हैं ।
एक और उदाहरण लेते हैं , एक बच्चे को मां दूध कब पिलाती है ?
जब वह रोता है । तो रो - रोकर बच्चा क्या केहता है ? मैं भूखा हूँ । और तभी उसकी माँ उसे दूध पिलाती है । तो वो रो कर अपने विचार सेल करता ताकि माँ को पता चले कि वह भूखा है और तभी उसकी मां बच्चे को दूध पिलाती है ।
आपने देखा होगा , बच्चे किस तरह अनजाने में सेल करवा देते हैं । जैसे कि बच्चा जब स्कूल में होता है , एक दूसरा बच्चा कोई नई पेंसिल ले के आता है जिसकी टिप पे खुशबू वाली रबर लगी होती है तो साथ वाला अपने दोस्त से पूछता है तुमने यह पेंसिल कहाँ से खरीदी और जब उसका दोस्त बता देता है
कि पेंसिल उसने कहाँ से खरीदी है तो बच्चाघर जाकर पेरेंटस से क्या कहता है ? वो कहता कि मुझे भी वो वाली पेंसिल चाहिए जिसमें खुशबु वाली रबर होती है और वहीं से चाहिए जहाँ से मेरे दोस्त ने खरीदा है पेरेंट मार्किट जाते हैं और उसे वो वाली पेंसिल दिला देते हैं तो कहीं ना कहीं जाने - अनजाने में हम सभी लोग सेल करते हैं
ऐसा सोचना कि हर कोई अच्छा सेल्स परसन नहीं बन सकता , सिर्फ गलत फेहमी है ।
बिक्री को समझना •
लोग लोगों को पसंद करते हैं ।
• लोग , लोगों को दूसरी चीजें पसंद करवा देते हैं ।
• लोग लोगो को दूसरी चीजें प्रोडक्ट के फॉर्म में भी पसंद करवा देते हैं
• यह बहुत ही कॉमन है कि लोग वही खरीदते हैं जो पसंद करते हैं ।
आईये समझते हैं सेल कैसे होती है !
लोग लोगों को पसंद करते हैं .
क्या आप अपनी लाईफ में किसी से प्रभावित हुए हैं ?
क्या आपका कोई रोल मॉडल है जिसके जैसा आप बनना चाहते हैं ?
जैसे कि अगर आप का रोल मॉडल या फेवरेट एक्टर / ऐक्ट्रेस एक ठंड़े - ठंडे तेल की ऐड करता है तो उसे देख कर आप उस ठंड़े - ठंडे तेल को ले लेते हैं ।
उदाहरणः नवरतन तेल 107 साल पुराना है । लेकिन जब से बच्चन साहब ने प्रचार करना शुरू किया , सेल कहां से कहां पहुंच गई ? क्या हम उस प्रचार से पहले उस तेल के बारे इतना जानते थे ? नहीं ..। क्यों कि हम उन्हें पसंद करते हैं । कई लोग उन्हें अपना रोल मॉडल मानते होंगे । उनके जैसे दिखना चाहते हैं । तो बेशक वो उस ठंड़े - ठंडे तेल को नहीं भी लगाते होंगे फिर भी हम उनके कहने पर इस्तेमाल
कर लेते हैं । इसका क्या मतलब है कि हम जिन लोगों को पसंद करते हैं , उनके द्वारा बताई गई चीजों को भी इस्तेमाल कर लेते हैं
आप लोग अपने प्रोडक्ट के ग्लेज कम्पनी के ब्रांड ऐम्बैसडर हैं । आप को देख कर लगना चाहिए कि आप कम्पनी और प्रोडक्ट को बहुत प्यार करते हैं और जो कि आपके व्यवहार में भी दिखना चाहिए ।
ताकि लोग आपको पसंद करें , आपके जैसा बनना चाहें , आपके जैसा दिखना चाहें । क्योंकि आप अपनी डाउन लाइनस के लिए उनके रोल मॉडल से कम नहीं हैं ।
लोग , लोगों को दूसरी चीजें पसंद करवा देते हैं ।
उदाहरण : दो दोस्त होते हैं । एक को बाहर रेस्टोरेंट में खाना पसंद होता है और दूसरे को बाहर के खाने में जादा इंट्रस्ट नहीं होता । लेकिन फिर भी जब कभी भी राम कहीं बाहर किसी नए रेस्टोरेंट में खाना
- खाता तो उसकी तारीफ अपने दोस्त के सामने जरूर करता था कि खाना बहुत अच्छा था , बहुत मज़ा आया । जबकि श्याम का कोई इंट्रस्ट नहीं होता था ।
लेकिन फिर भी वो दोस्त की बात सुनता था । इस तरह से 6 महीने गुज़र जाते हैं
श्याम के घर पर कुछ रिलेटिव आते हैं और बच्चे का जनमदिन होता है । सब बोलते हैं , ' चलो बाहर सैलिब्रेट करते हैं । किसी अच्छे से रेस्टोरेंट में । लेकिन श्याम को तो बाहर रेस्टोरेंटस का कोई ज्यादा आईडिया ही नहीं है । और उसे अपने रिलेटिव को किसी अच्छी जगह पर ले जाना है तो वो क्या करेगा ?
जाहिर है अपने बेस्ट फ्रेंड को फोन करेगा और उस से पूछेगा कि कोई सा अच्छा सा रेस्टोरेंट बता दो ... जहाँ खाना बहुत बढ़िया मिलता हो ।
लोग , लोगों को दूसरी चीजें पसंद करवा देते हैं ।
आमतौर पर लोग सलाह लेते हैं अपने दोस्तों और जानने वालों की जब भी कोई प्रोडक्ट ( वैल्युबल आइटम ) खरीदते हैं । तो राय ( ऐडवाईज ) लेते हैं ।
लेकिन ग्लेज के प्रोडक्टस एवं बिजनस को आप ज्यादा बेहतर तरीके से समझते हैं तो राय देगें या लेंगे ?
और अगर राय लेनी ही है ... तो किस से लेगें ?
जो इस्तेमाल कर रहा हो , जिसे सही तरीके से पता हो , ग्लेज के बारे में । वो कौन हो सकता है ?
आपकी अप लाइन ।
आप इन प्रोडक्ट और बिजनस के बारे में सही जानकारी देकर ग्लेज के प्रोडक्ट लोगों को पसंद करवा सकते हैं
जैसे कि अगर आप आई.ए.एस बनना चाहते हैं तो किससे पूछेगें ?
जाहिर है जो आईएस होगा उससे या फिर जो उसकी तैयारी कर रहा होगा । क्यों कि सही राय तो वही देगा जिसे उस बारे में जानकारी होगी ।
सोच के देखिये आप आईएस बनने के बारे में एक मैकेनिक से पूछे तो वह आपको कैसी सलाह देगा ? लेकिन यह गलती हम अपने बिजनस करते हैं जिन्हें हमारे प्रोडक्ट के बारे में , कम्पनी के बारे में कुछ भी नहीं मालूम होता उन्हीं से हम पूछते हैं कम्पनी कैसी है ? और कैसे प्रोडक्ट हैं ?
क्या लगता है आपको ? सही जवाब मिलेगा या वो आपको मिस गाईड ही करेगें ?
यह बहुत ही कॉमन है कि लोग वही खरीदते हैं जो पसंद करते हैं ।
नाकि वो जो उन्हें बेचा जाता है ।
इस लिए एक सेल परसन के तौर पर हमें ये समझना ज़रूरी है कि सेल्स कैसे होती है
आम तौर पर सेल्स केवल दो वजह से होती हैं ।
या तो उस चीज की ज़रूरत होगी या फिर वो चीज आपको पसंद आ गई हो ।
उदाहरणः हम सभी कपड़े खरीदते हैं । जब हम कपड़े की दुकान पर होते हैं तो सेल्समेन कितने सारे कपड़े दिखाता है । लेकिन हम तभी खरीदते हैं जब हमें वो चीज या तो पसंद आ जाती है या फिर हमें उसकी जरूरत होती है ।
यहाँ पे एक छोटी सी एक्सरसाइज करते हैं .. आप को बताना है इनमें से ज़रूरत ( नीड़ ) क्या है और पसंद ( चॉइस ) क्या है ?
ज़रूरत ( नीड़ ) | पसंद ( चॉइस ) | |
| एचपी / इंडे | |
हिरो / सुजूकी / टीवीएस | ||
मोटर बाईक | डोनऐयर / असम्मबेल | |
सोफा | ||
ऐरो / कुटंस / भूरे लाल टेलर से | ||
शर्ट | वेन हुसेन / लुईस फिलिप / भूरे लाल | |
टेलर स | ||
पैंट | नेचर फ्रेश / फॉर्चु | |
ऑयल | डव / लक्स | |
सोप | कोलगेट / पेप्सोडें | |
टूथपेस् |